भारतीय भाषा संस्थान (CIIL) भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के तहत भारतीय भाषाओं के प्रचार-प्रसार से संबंधित एक शीर्ष संस्थान है। यह भाषा नीतियों और संबंधित मामलों पर केंद्र सरकार, राज्य सरकार और विभिन्न सरकारी एजेंसियों को सलाह और सहायता देता है। इस संस्थान को प्रायः देश की भाषाओं, शिक्षा के स्तर तथा अन्य कई उद्देश्यों से जुड़ी विभिन्न मूल्यांकन आवश्यकताओं को पूर्ण करने में सहायता हेतु बुलाया जाता है।
अनुदान एवं छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत, भारतीय भाषा संस्थान प्रत्येक वर्ष पाँच (05) छात्रवृत्ति, पाँच (05) कनिष्ठ अध्येतावृत्ति और (02) वरिष्ठ अध्येतावृत्ति प्रदान करके भाषा-संबंधी प्रचार गतिविधियों को प्रोत्साहित कर रहा है। यह योजना शिक्षा मंत्रालय के संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC),विज्ञान और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR), राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCER)और भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) द्वारा कार्यान्वित की जाती है। अध्येतावृत्ति प्राप्तकर्ताओं से इस संस्थान के विज़न वक्तव्य से संबंधित विषयों पर काम करने की आशा की जाती है। दूसरे शब्दों में, अध्येतावृत्ति प्राप्तकर्ताओं से ऐसे शोध में संलग्न होने की अपेक्षा की जाती है जो भाषाविज्ञान तथा इससे संबद्ध विषयों के क्षेत्र में मूल्यवान डेटा अथवा नई अंतर्दृष्टि प्रदान करता है, जो विशेषतः भारत की भाषाओं से संबंधित है।