योजना-I : पुस्तकों की थोक खरीद हेतु वित्तीय सहायता
लेखक, संपादक, अनुवादक और मान्यता प्राप्त संस्थान इस योजना के पात्र हैं।
केवल प्रकाशनाधिकार धारक ही आवेदन के पात्र हैं।
व्यावसायिक प्रकाशक अपने स्वयं के प्रकाशनों या अपने ग्राहकों की ओर से आवेदन करने के पात्र नहीं हैं।
प्रत्येक शीर्षक के लिए अलग-अलग आवेदन करना होगा।
आवेदन के साथ पुस्तक की तीन मानार्थ प्रतियाँ (एक पार्सल में) जमा करनी होंगी। ये प्रतियाँ आवेदक को वापस नहीं की जाएँगी।
आवेदन के साथ प्रस्तावित पुस्तक का सारांश एक पृथक पृष्ठ पर लगभग 200 शब्दों में विशेषतः अंग्रेजी में तैयार करके आवेदन के साथ जमा करना होगा।
यदि प्रकाशनाधिकार लेखक के अतिरिक्त किसी अन्य के पास है या एक से अधिक लेखक/संपादक/अनुवादक हैं, ऐसे मामले में आवेदक को 20/-रुपये के स्टांप पेपर पर अनापत्ति प्रमाण-पत्र (एन.ओ.सी.) जमा करना होगा।
यदि कार्य अनूदित है, तो लेखक द्वारा दिए गए अनुमति-पत्र की एक प्रति या 20/- रुपये मूल्य के स्टांप पेपर पर एन.ओ.सी. (लेखक या स्व-घोषणा द्वारा) प्रस्तुत करना होगा।
यदि आवेदक किसी संगठन या न्यास की ओर से आवेदन करता/करती है, तो उसे आवेदन-पत्र के साथ निम्नलिखित प्रलेख जमा करना होगा
पंजीकरण प्रमाण-पत्र/न्यास डीड की सत्यापित प्रति
संगठन के सदस्यों की सूची
परिषद द्वारा पारित प्रस्ताव की प्रति जिसमें जी.आई.ए./भा.भा.सं. से वित्तीय सहायता प्राप्ति हेतु आवेदन करने की अनमति मिली है।
आवेदन जमा करते समय पैन कार्ड के अलावा निम्लिखित में किसी एक पहचान पत्र की एक प्रति भी जमा करनी होगी।
आधार कार्ड
ड्राइविंग लाइसेंस
पासपोर्ट
निवास प्रमाण-पत्र के लिए चुनाव/मतदाता पहचान-पत्र भी जमा करना होगा।
आवेदन के साथ निरस्त चेक/बैंक पास बुक के पहले पेज की फोटोकॉपी, जिसमें पासपोर्ट साइज फोटो के साथ निम्नलिखित सभी विवरण हों, जमा करना होगा।
खाताधारक का नाम (बैंक पासबुक के अनुसार)
खाता सं. (मात्र 13 अंक)
बैक का नाम और पता
शाखा का नाम और कोड नं.
आई.एफ.एस.सी. कोड
आवेदक को अनुदान संबंधी सभी प्रलेखों पर एक जैसा हस्ताक्षर करना होगा।
आवेदन जमा करने के उपरांत यदि आवेदक के डाक पते में किसी भी प्रकार का परिवर्तन होता है तो, इसकी सूचना शीघ्रातिशीघ्र संस्थान को देनी होगी।
किसी भी अंतरिम पत्राचार पर विचार नहीं किया जाएगा।
वित्तीय सहायता अनुरोध 3 शीर्षकों के लिए किया जा सकता है, जिनमें से बैठक में किसी एक पर ही विचार करने का प्रावधान है।
यदि कोई आवेदक एक बार अनुदान प्राप्त कर चुका हो, तो उसके अगले प्रस्ताव पर, पूर्व में उसके द्वारा प्राप्त अनुदान के अनुमोदन की तिथि के दो वर्ष के उपरांत, नवीन प्रस्तावों पर विचार करने के प्रावधानों को संपन्न करने के उपरांत ही, अनुमोदन हेतु विचार किया जाएगा।
आवेदन-पत्र भरते समय व्हाइटनर/संशोधक तरल पदार्थ का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। संशोधन, पेन से काटकर तथा आवेदक के संक्षिप्त हस्ताक्षर के साथ सत्यापित करके किया जा सकता है।
एक बार सहायता एवं अनुदान समिति द्वारा प्रस्ताव स्वीकृत या निरस्त हो जाने पर उसे अस्वीकृत कर दिया जाएगा।
अपूर्ण जानकारी वाले आवेदन निरस्त कर दिये जाएँगे।
निर्धारित प्रारूप से इतर और बिना फोटो वाले आवेदन निरस्त कर दिए जाएँगे।
अनुदान हेतु पात्र पुस्तकें
ग्रंथ सूची, शब्दकोश, शब्दावलियाँ, विश्वकोश, ऐन्थ़ॉलजिज, यात्रा वृतांत एवं स्व-निर्देशात्मक सामग्री।
भाषावैज्ञानिक, साहित्यिक, भारतीय विद्या, सामाजिक, मानवशास्त्रीय, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक और तकनीकी विषयों पर पुस्तकें और उनके अनुवाद।
रचनात्मक लेखन का उन भाषाओं से या उन भाषाओं में अनुवाद जो सीआईआईएल की जीआईए योजना के अंतर्गत हैं।
धन की उपलब्धता के आधार पर डॉक्टरेट या ऐसी ही अन्य उपाधि से संबंधित अनुसंधान परियोजनाओं के प्रकाशन पर भी अनुदान के लिए विचार किया जाएगा।
जिस पुस्तक के लिए अनुदान मांगा गया है वह आवेदन की तिथि से दस वर्ष से अधिक पहले प्रकाशित नहीं होनी चाहिए।
आरंभिक पृष्ठों सहित पुस्तक के पृष्ठों की न्यूनतम संख्या कम से कम 48 होनी चाहिए।
पुस्तक का आदर्श न्यूनतम आकार निम्नलिखित प्रकार का होगा: -
डेमी 1/8वाँ
डेमी 1/4वाँ
क्राउन 1/8 वाँ
क्राउन 1/8 वाँ
ए4
ए5
इनके अतिरिक्त, अन्य आकारों में मुद्रित पुस्तकों पर भी उनकी गुणवत्ता के आधार पर विचार किया जाएगा।
धन की उपलब्धता के आधार पर, सहायता एवं अनुदान समिति उन पुस्तकालयों में उपलब्ध कराने के लिए लेखकों/प्रकाशकों की कुछ भाषाओं में लिखी गई पुस्तकों को चिह्नित कर सकती है, जहाँ वे उपयोगी पाए जाएंगे। यह प्रावधान विशेष रूप से उन भाषाओं पर लागू होगा जहाँ से पर्याप्त आवेदन प्राप्त नहीं होते हैं।
अनुदान हेतु अपात्र पुस्तकें
कविता, नाटक, उपन्यास एवं लघु कथाएँ (जब तक कि वे अकादमिक कार्यक्रमों के लिए आवश्यक किसी दिए गए लेखक की संपूर्ण रचनाएँ न हों)।
पाठ्य पुस्तकें।
जिन पुस्तकों के प्रकाशन के लिए केंद्र और राज्य सरकार के निकायों से पूर्व में ही अनुदान प्राप्त कर लिया गया है, उन्हें खरीद के लिए विचार नहीं किया जाएगा।
जिन शीर्षकों को सहायता एवं अनुदान की प्रकाशन योजना के अंतर्गत एक बार अनुदान प्राप्त हो चुका है, उन्हें थोक खरीद योजना के तहत विचार नहीं किया जाएगा।
पुनर्मुद्रित / संशोधित / विस्तारित संस्करण।
स्टीकर शीट/रबड़ स्टाम्प/संशोधक तरल पदार्थ पर मुद्रित पुस्तक के बारे में कोई भी जानकारी (यथा- कीमत, प्रकाशन का वर्ष, कॉपीराइट आदि)।
राजनैतिक प्रचार और धार्मिक उपदेश संबंधी पुस्तकें।
ऐसा कोई भी लेखन जो राष्ट्रहित में न हो।
योजना-II: पुस्तकों के प्रकाशन के लिए वित्तीय सहायता योजना
लेखक, संपादक, अनुवादक और मान्यता प्राप्त संस्थान इस योजना के अंतर्गत पात्र हैं।
केवल कॉपीराइट धारक ही आवेदन करने के पात्र हैं।
व्यावसायिक प्रकाशक अपने स्वयं के प्रकाशनों या अपने ग्राहकों की ओर से आवेदन करने के पात्र नहीं हैं।
प्रत्येक शीर्षक के लिए अलग-अलग आवेदन करना होगा।
प्रस्तावित पांडुलिपि की दो मानार्थ प्रतियाँ आवेदन के साथ (एक पार्सल में) जमा करनी होंगी। ये प्रतियाँ आवेदक को वापस नहीं की जाएँगी।
पैरा II के कॉलम संख्या 6 में उल्लिखित प्रारूप में पांडुलिपियों की हार्ड कॉपी के साथ सीडी में सॉफ्ट कॉपी जमा करना आवश्यक है।
आवेदक को अपना संक्षिप्त जीवनवृत्त जमा करना होगा।
तीन पांडुलिपियों के लिए वित्तीय सहायता का अनुरोध किया जा सकता है, जिनमें से केवल एक पर ही बैठक में विचार करने का प्रावधान है।
प्रस्तावित पांडुलिपि का सारांश एक पृथक पृष्ठ पर लगभग 200 शब्दों में विशेषतः अंग्रेजी में तैयार करके आवेदन के साथ जमा करना होगा।
आवेदन जमा करते समय पहचान पत्र के रूप में निम्नलिखित में से किसी एक के अतिरिक्त पैन कार्ड की एक प्रति भी जमा करनी होगी-
आधार कार्ड
ड्राइविंग लाइसेंस
पासपोर्ट
निवास प्रमाण-पत्र के रूप में चुनाव/मतदाता पहचान-पत्र भी जमा करना होगा।
आवेदन के साथ निरस्त चेक / बैंक पास बुक के प्रथम पृष्ठ की फोटोकॉपी जिसमें पासपोर्ट साइज फोटो के साथ निम्नलिखित सभी विवरण हों, जमा करना होगा-
खाताधारक का नाम (बैंक पासबुक के अनुसार)
खाता संख्या (केवल 13 अंक)
बैंक का नाम और पता
शाखा का नाम और कोड संख्या
आईएफएससी कोड
यदि आवेदक किसी संगठन या न्यास की ओर से आवेदन करता/करती है, तो उसे आवेदन पत्र के साथ निम्नलिखित प्रलेख जमा करना होगा।
पंजीकरण प्रमाणपत्र / न्यास विलेख की सत्यापित प्रति
संगठन के सदस्यों की सूची
बोर्ड द्वारा पारित उस प्रस्ताव की एक प्रति जिसमें जीआईए- सीआईआईएल में वित्तीय सहायता के लिए आवेदन करने की मंजूरी प्राप्त की गई है।
यदि कॉपीराइट लेखक के अतिरिक्त किसी अन्य के पास है अथवा एक से अधिक लेखक/संपादक/अनुवादक हैं, ऐसे मामले में, आवेदक को बीस रुपये मूल्य के स्टाम्प पेपर पर अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) / स्व-घोषणा प्रस्तुत करना होगा।
यदि कोई आवेदक एक बार अनुदान प्राप्त कर चुका हो, तो उसके अगले प्रस्ताव पर, पूर्व में उसके द्वारा प्राप्त अनुदान के अनुमोदन की तिथि के दो वर्ष के उपरांत, नवीन प्रस्तावों पर विचार करने के प्रावधानों को संपन्न करने के उपरांत ही, अनुमोदन हेतु विचार किया जाएगा।
आवेदक को अनुदान संबंधी सभी प्रलेखों पर एक जैसा हस्ताक्षर करना होगा।
आवेदन जमा करने के उपरांत यदि आवेदक के डाक पते में किसी भी प्रकार का परिवर्तन होता है तो, इसकी सूचना शीघ्रातिशीघ्र संस्थान को देनी होगी।
किसी भी अंतरिम पत्राचार पर विचार नहीं किया जाएगा।
आवेदन-पत्र भरते समय व्हाइटनर/संशोधक तरल पदार्थ का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। संशोधन, पेन से काटकर तथा आवेदक के संक्षिप्त हस्ताक्षर के साथ सत्यापित करके किया जा सकता है।
सहायता एवं अनुदान समिति द्वारा एक बार अनुमोदित या अस्वीकार किए जाने पर प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया जाएगा।
अपूर्ण जानकारी वाले आवेदन निरस्त कर दिए जाएँगे।
निर्धारित प्रारूप से इतर और बिना फोटो वाले आवेदन निरस्त कर दिए जाएँगे।
अनुदान हेतु पात्र प्रकाशन
ग्रंथ सूची, शब्दकोश, शब्दावलियाँ, विश्वकोश, ऐन्थ़ॉलजिज, एवं स्व- निर्देशात्मक सामग्री।
भाषावैज्ञानिक, साहित्यिक, भारतीय विद्या, सामाजिक, मानवशास्त्रीय, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक और तकनीकी विषयों पर लेखन और उनके अनुवाद।
दुर्लभ पांडुलिपियों, क्लॉसिक, प्राचीन पांडुलिपियों की वर्णनात्मक सूची तथा उनका अनुवाद और लिप्यंतरण।
अनुवर्ती संस्करण तभी अनुदान के पात्र होंगे जब इसे इसके प्रथम संस्करण के दस वर्षों के उपरांत पुनर्मुद्रित किया गया हो।
प्रस्तावित पांडुलिपि के पृष्ठों की न्यूनतम संख्या आरंभिक पृष्ठों (चित्रों को छोड़कर) सहित कम से कम 48 होनी चाहिए।
अति महत्वपूर्ण एवं अनिवार्य
पांडुलिपियाँ केवल निम्नांकित विनिर्देशों के रूप में प्रस्तुत की जानी चाहिए: -
आकार: A4 आकार
ऊपर, नीचे, बाएँ और दाएँ पर दी जाने वाली जगह: 2.5 सेमी
लाइन स्पेसिंग : डबल लाइन स्पेसिंग
फ़ॉन्ट आकार (अंग्रेजी के लिए) : 12
फ़ॉन्ट (अंग्रेजी के लिए) : टाइम्स न्यू रोमन
फ़ॉन्ट आकार (अन्य भाषाओं के लिए) : 14
फ़ॉन्ट: यूनिकोड
फ़ॉन्ट रेज़ीड़ेंट फ़ॉन्ट/यूनिकोड होना चाहिए जो एम.एस. ऑफिस में उपलब्ध हो।
अनुदान हेतु अपात्र प्रकाशन
कविता, नाटक, उपन्यास एवं लघु कथाएँ, जब तक कि वे अकादमिक कार्यक्रमों के लिए आवश्यक किसी दिए गए लेखक की संपूर्ण रचनाएँ न हों।
राजनैतिक प्रचार और धार्मिक उपदेश संबंधी प्रकाशन।
ऐसा कोई लेखन जो राष्ट्रहित में न हो।
योजना-III : भारतीय भाषाओं (अंग्रेजी, हिंदी, संस्कृत, सिंधी, उर्दू के अतिरिक्त) में अध्ययनशील लघु पत्रिकाओं के प्रकाशन के लिए वित्तीय सहायता
प्रस्तावित पत्रिका का आवेदन तिथि से पूर्व एक वर्ष का प्रकाशन पूरा होना चाहिए और कम से कम एक या दो अंक प्रकाशित होने चाहिए।
पत्रिका में डेमी आकार के न्यूनतम बत्तीस पृष्ठ होने चाहिए।
इसका प्रकाशन किसी ऐसे प्रकाशक द्वारा नहीं होना चाहिए, जिसके कई समाचार पत्र / जर्नल / पत्रिकाएँ निकलते हों।
प्रस्तावित पत्रिका की प्रसार संख्या न्यूनतम 500 प्रतियाँ तथा अधिकतम 3000 प्रतियाँ होनी चाहिए।
पत्रिका साहित्यिक गुणवत्ता वाली होनी चाहिए।
ऐसा कोई भी लेख प्रकाशित नहीं करेगी जो राष्ट्र हित में न हो।
अनुदान हेतु स्वीकृत पत्रिका को लगातार तीन वर्षों की अवधि के लिए रूपये 20,000/- वार्षिक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
अनुदान प्राप्तकर्ता को प्रति वर्ष नया आवेदन देना होगा।
पहली बार आवेदन के दौरान आवेदक को आवेदन-पत्र के साथ निम्नलिखित प्रलेख जमा करना होगा-
राजपत्रित अधिकारी द्वारा सत्यापित पंजीकरण प्रमाण पत्र की एक प्रति।
संपादक मंडल द्वारा पारित उस प्रस्ताव की एक प्रति जिसमें जीआईए-सीआईआईएल में वित्तीय सहायता के लिए आवेदन करने की मंजूरी प्राप्त की गई है।
पत्रिका का सारांश 200 शब्दों में, अधिमानतः अंग्रेजी में।
पत्रिका के पिछले वर्ष और वर्तमान वर्ष के अंक की प्रति।
आवेदन जमा करते समय पहचान पत्र के रूप में निम्नलिखित में से किसी एक के अतिरिक्त पैन कार्ड की एक प्रति भी जमा करनी होगी-
आधार कार्ड
ड्राइविंग लाइसेंस
पासपोर्ट
निवास प्रमाण-पत्र के रूप में चुनाव / मतदाता पहचान-पत्र भी जमा करना होगा।
आवेदन के साथ निरस्त चेक/बैंक पास बुक के प्रथम पृष्ठ की फोटोकॉपी जिसमें पासपोर्ट साइज फोटो के साथ निम्नलिखित सभी विवरण हों, जमा करना होगा-
खाताधारक का नाम (बैंक पासबुक के अनुसार)
खाता संख्या (केवल 13 अंक)
बैंक का नाम और पता
शाखा का नाम और कोड संख्या
आईएफएससी कोड
दूसरी और तीसरी बार आवेदन के दौरान नवीनतम (वर्तमान वर्ष) अंक की प्रति जमा करनी होगी।
आवेदक को अनुदान संबंधी सभी प्रलेखों पर एक जैसा हस्ताक्षर करना होगा।
आवेदन जमा करने के उपरांत यदि आवेदक के डाक पते में किसी भी प्रकार का परिवर्तन होता है तो, इसकी सूचना शीघ्रातिशीघ्र संस्थान को दी जानी चाहिए।
किसी भी अंतरिम पत्राचार पर विचार नहीं किया जाएगा क्योंकि प्रस्ताव पर होने वाली प्रक्रिया में आवेदन प्राप्त होने की तिथि से कम से कम छह महीने लगते हैं।
आवेदन-पत्र भरते समय व्हाइटनर/संशोधक तरल पदार्थ का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। संशोधन, पेन से काटकर तथा आवेदक के संक्षिप्त हस्ताक्षर के साथ सत्यापित करके किया जा सकता है।
सहायता एवं अनुदान समिति द्वारा एक बार अनुमोदित या अस्वीकार किए जाने पर प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया जाएगा।
अपूर्ण जानकारी वाले आवेदन निरस्त कर दिए जाएँगे।
निर्धारित प्रारूप से इतर और बिना फोटो वाले आवेदन निरस्त कर दिए जाएँगे।
यह एकभाषी या द्विभाषी हो सकता है लेकिन इसकी सामग्री धार्मिक उपदेश या राजनीतिक प्रचार वाली नहीं होनी चाहिए।
योजना-IV: भारतीय भाषाओं (अंग्रेजी, हिंदी, संस्कृत, सिंधी, उर्दू के अलावा) में चयनित प्रचार गतिविधियों के लिए स्वैच्छिक संगठनों को वित्तीय सहायता
आवेदक स्वंयसेवी संगठन एक पंजीकृत संस्था होगी तथा आवेदन की तिथि से कम से कम तीन वर्ष पहले से मौजूदगी में होनी चाहिए। एनजीओ को पहले ngo.India.gov.in पर पंजीकरण करना होगा जिससे एक यूनिक आईडी जेनरेट होगी। सभी एनजीओ को उपरोक्त पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है।
भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों द्वारा स्थापित, पंजीकृत और वित्त पोषित अकादमियाँ और संस्थान पात्र हैं। हालाँकि, वित्तीय सहायता की मात्रा उसी प्रस्ताव के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रदान की गई सहायता को ध्यान में रखने के बाद ही निर्धारित की जाएगी।
आवेदक संस्था कोई लाभ कमाने वाली संस्था नहीं होगी।
आवेदक संस्था वित्तीय सहायता हेतु निर्धारित प्रपत्र में ही आवेदन करेगी।
आवेदक को आवेदन के साथ निम्नलिखित दस्तावेज जमा करने होंगे-
राजपत्रित अधिकारी द्वारा सत्यापित पंजीकरण प्रमाणपत्र की एक प्रति
संपादकों के बोर्ड में पारित प्रस्ताव की एक प्रति जिसमें GIA-CIIL में वित्तीय सहायता के लिए आवेदन करने की मंजूरी प्राप्त की गई है
संस्था का नवीनतम सूचीपत्र/विवरणिका
संस्था की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट की एक प्रति (अंग्रेजी में)
एक अलग शीट पर लगभग 200 शब्दों में प्रस्तावित परियोजना/कार्यक्रम का सारांश, विशेषतः अंग्रेजी में
आवेदन जमा करते समय पहचान प्रमाण के रूप में निम्नलिखित में से किसी एक के अलावा पैन कार्ड की एक प्रति जमा की जानी चाहिए।
आधार कार्ड
ड्राइविंग लाइसेंस
पासपोर्ट
निवास प्रमाण के रूप में चुनाव/मतदाता पहचान पत्र भी जमा करना होगा।
आवेदन के साथ रद्द चेक/बैंक पास बुक के प्रथम पेज की फोटोकॉपी जिसमें पासपोर्ट साइज फोटो के साथ निम्नलिखित सभी विवरण हों, जमा करना होगा।
खाताधारक का नाम (बैंक पासबुक के अनुसार)
खाता संख्या (केवल 13 अंक)
बैंक का नाम और पता
शाखा का नाम और कोड संख्या
आईएफएससी कोड (IFSC कोड)
3 कार्यक्रमों के लिए वित्तीय सहायता का अनुरोध किया जा सकता है, जिनमें से केवल एक पर ही बैठक में विचार करने का प्रावधान है।
आवेदक को अनुदान से संबंधित सभी दस्तावेजों में एक समान हस्ताक्षर करना होगा।
आवेदन जमा करने के बाद संगठन के डाक पते में किसी भी बदलाव के मामले में, इसकी (उन संस्था के रजिस्ट्रार द्वारा प्रमाणित जहां संगठन पंजीकृत है) सूचना तुरंत संस्थान को दी जाए।
किसी भी अंतरिम पत्राचार पर विचार नहीं किया जाएगा।
सहायता अनुदान समिति द्वारा एक बार अस्वीकृत किए गए प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया जाएगा
स्वीकृत परियोजना/कार्यक्रम की स्वीकृत मदों और व्यय के अनुमान के संबंध में कोई भी निर्णय पूर्ण रूप से संस्वीकृतिदाता प्राधिकारी पर निर्भर करेगा।
संस्वीकृतिदाता प्राधिकारी किसी भी स्तर पर अनुमोदित परियोजना को समाप्त करने का अधिकार सुरक्षित रखता है यदि उसे विश्वास हो कि अनुदान का उचित उपयोग नहीं किया गया है और पर्याप्त प्रगति प्राप्त नहीं हुई है।
एक बार जब अनुमान उचित मान लिया जाता है और अनुदान स्वीकृत हो जाता है, तो उन्हें संशोधित नहीं किया जाएगा।
जिस परियोजना के लिए अनुदान स्वीकृत किया गया है उसे प्रथम किस्त प्राप्त होने की तिथि से एक वर्ष के अन्दर पूर्ण करना होगा।
इस योजना के तहत अनुदान पिछली देनदारियों या ऋणों को पूरा करने के लिए नहीं दिया जाएगा।
जारी अनुदान को भवन निर्माण, वाहनों की खरीद, एयर कंडीशनिंग आदि जैसी बुनियादी सुविधाओं के विकास पर खर्च नहीं किया जाएगा।
इस योजना के तहत प्राप्त अनुदान से पूर्णतः या आंशिक रूप से अधिग्रहीत संपत्तियों का निपटान या किसी व्यक्ति/संस्था को हस्तांतरित नहीं किया जाएगा या उस परियोजना/कार्यक्रम के अलावा किसी अन्य उद्देश्य के लिए उपयोग नहीं किया जाएगा, जिसके लिए इसे स्वीकृत दी गई है।
अनुदान प्राप्तकर्ता अनुदान का उपयोग केवल उस कार्यक्रम/परियोजना के लिए करेगा जिसके लिए इसे स्वीकृत किया गया है। ऐसा करने में विफल रहने पर संगठन को अनुदान की पूरी राशि ब्याज सहित वापस करने के लिए उत्तरदायी होगा जैसा कि संस्वीकृतिदाता प्राधिकारी तय करेगा।
अनुदान प्राप्तकर्ता अनुमोदित परियोजना के कामकाज में अत्यधिक मितव्ययिता बरतेगा।
जेंडर बजटिंग सुनिश्चित करने के लिए लड़कियों/महिला लाभार्थियों को भी प्राथमिकता दी जाएगी।
अनुदान प्राप्तकर्ता अनुमोदित परियोजना के व्यय का अलग-अलग रिकॉर्ड रखेगा। यह आवश्यकता पड़ने पर भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक या भारतीय भाषा संस्थान या उसके अधिकृत प्रतिनिधि द्वारा निरीक्षण के लिए खुला रहेगा।
स्वीकृत अनुदान दो समान किश्तों में जारी किया जाएगा। अंतिम किस्त तभी जारी की जाएगी जब अनुदान प्राप्तकर्ता कार्यक्रम/परियोजना को पूर्ण कर लेगा और निम्नलिखित दस्तावेज प्रस्तुत करेगा:
चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा अपनी मुहर के साथ प्रमाणित व्यय विवरण और उपयोगिता प्रमाण पत्र।
परियोजना के संतोषजनक समापन की रिपोर्ट पर अनुदानग्राही द्वारा अपनी मुहर सहित हस्ताक्षरित किया गया है।
यदि अनुदान अल्पकालिक अध्ययन से संबंधित है तो अध्ययन रिपोर्ट की दो प्रशंसात्माक प्रतियां।
अल्पकालिक अध्ययन की अध्ययन रिपोर्ट के शीर्षक पृष्ठ में निम्नलिखित कथन सम्मलित होगा:
`यह परियोजना केंद्रीय भारतीय भाषा संस्थान, उच्च शिक्षा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार, मानसगंगोत्री, मैसूर-570006 की वित्तीय सहायता से मंजूरी आदेश संख्या …………….................. दिनांक......................... के तहत शुरू की गई थी।`
यदि कोई आवेदक एक बार अनुदान का लाभ उठाता है, तो उसके अगले प्रस्ताव पर नए प्रस्तावों पर विचार करने के प्रावधान समाप्त होने के बाद, उसके अनुदान की मंजूरी तिथि से दो साल बाद ही प्रसंस्करण हेतु विचार किया जाएगा।
आवेदन भरते समय व्हाइटनर संशोधन पदार्थ का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। संशोधन, पेन से काटकर और आवेदक के संक्षिप्त हस्ताक्षर के साथ सत्यापित करके किया जा सकता है।
अधूरी जानकारी वाला आवेदन पत्र निरस्त कर दिया जायेगा।
बिना फोटो के आवेदन पत्र निरस्त कर दिया जायेगा।